Supreme Court Vantara मामले पर चल रही बहस का अंत हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि जामनगर स्थित वनतारा (Greens Zoological Rescue and Rehabilitation Centre) में न तो कोई कानून का उल्लंघन हुआ है और न ही पशु तस्करी या धन शोधन जैसी आशंकाएं सही साबित हुई हैं। अदालत ने SIT की जांच रिपोर्ट के आधार पर वनतारा को पूरी तरह से क्लीनचिट दे दी।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला
जस्टिस पंकज मित्तल और जस्टिस प्रसन्ना बी. वराले की बेंच ने कहा कि SIT की विस्तृत जांच में वनतारा से जुड़े सभी पहलुओं को देखा गया। इनमें पशु अधिग्रहण, तस्करी, संरक्षण, वित्तीय अनियमितता और प्रजनन से जुड़े मुद्दे शामिल थे। लेकिन कहीं भी गड़बड़ी नहीं पाई गई। अदालत ने कहा कि रिपोर्ट को स्वीकार करने में उसे कोई संकोच नहीं है।
SIT जांच और निष्कर्ष
इस मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस जे. चेलमेश्वर की अध्यक्षता में बनी विशेष जांच दल (SIT) ने की थी। SIT ने वनतारा की सुविधाओं, पशु देखभाल, मेडिकल व्यवस्था और प्रबंधन प्रणाली का बारीकी से निरीक्षण किया। रिपोर्ट में कहा गया कि वनतारा का संचालन न केवल भारतीय मानकों, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मानकों पर भी खरा उतरता है।
पशु संरक्षण में वैश्विक पहचान
Supreme Court Vantara रिपोर्ट में कहा गया कि जामनगर का यह केंद्र दुनिया के सबसे प्रमुख पशु संरक्षण और रेस्क्यू स्थलों में गिना जा सकता है। यहां पशुओं की मृत्यु दर अंतरराष्ट्रीय औसत के अनुरूप है और उन्हें वैज्ञानिक व पारदर्शी तरीके से देखभाल मिल रही है।
आज जब दुनिया पर्यावरण और वन्यजीव संरक्षण की दिशा में गंभीर प्रयास कर रही है, वनतारा भारत के लिए एक गर्व का प्रतीक बन गया है।
ग्लोबल ह्यूमन सर्टिफिकेशन
अदालत ने यह भी बताया कि Global Humane नामक स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय संस्था ने वनतारा का ऑडिट और निरीक्षण किया। इसके बाद संस्था ने केंद्र को Global Humane Certified Seal of Approval प्रदान किया। यह मान्यता साबित करती है कि यहां की सुविधाएं और पशु कल्याण पद्धतियां अंतरराष्ट्रीय स्तर की हैं।
प्रमुख तथ्य | Supreme Court Vantara SIT रिपोर्ट |
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जांच प्रमुख | रिटायर्ड जस्टिस जे. चेलमेश्वर |
आरोप | पशु तस्करी, अधिग्रहण, धन शोधन, वित्तीय अनियमितताएं |
निष्कर्ष | सभी आरोप असत्य, कोई उल्लंघन नहीं |
मान्यता | Global Humane Seal of Approval |
देखभाल स्तर | अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप |
अनंत अंबानी की पहल की सराहना
Supreme Court Vantara मामले में अनंत अंबानी के प्रयासों की भी चर्चा हुई। उनके नेतृत्व में वनतारा ने पशु संरक्षण का नया मॉडल प्रस्तुत किया है। यहां अत्याधुनिक पशु चिकित्सालय, विशेष डाइट योजनाएं और प्राकृतिक आवास की व्यवस्था है। इससे न केवल जानवरों का जीवन सुरक्षित होता है, बल्कि उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर भी ध्यान दिया जाता है।
नैतिक और वैज्ञानिक मॉडल
SIT रिपोर्ट में इस बात पर जोर दिया गया कि वनतारा पूरी तरह से पारदर्शी और वैज्ञानिक पद्धतियों पर काम करता है। यहां जानवरों के पुनर्वास, प्रजनन और दीर्घकालिक संरक्षण को प्राथमिकता दी जाती है।
भारत की सकारात्मक छवि
Supreme Court Vantara रिपोर्ट ने यह साबित किया है कि भारत भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पशु कल्याण में एक नई पहचान बना रहा है। वनतारा जैसे प्रयास दुनिया को यह संदेश देते हैं कि संरक्षण और विकास साथ-साथ चल सकते हैं।
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निष्कर्ष
सुप्रीम कोर्ट की SIT रिपोर्ट के बाद वनतारा को पूरी तरह से क्लीनचिट मिल चुकी है। यह केंद्र अब केवल भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए पशु संरक्षण का आदर्श बन चुका है। अनंत अंबानी की यह पहल दिखाती है कि अगर वैज्ञानिक और सहानुभूति आधारित मॉडल अपनाए जाएं तो पशु कल्याण को नई ऊंचाइयों तक ले जाया जा सकता है।