Gorakhpur Zoo यानी गोरखपुर चिड़ियाघर में एक बार फिर से रौनक लौट आई है। लगभग दो महीने के लंबे इंतजार के बाद यह चिड़ियाघर एक बार फिर से आम लोगों के लिए खोल दिया गया है। इससे पहले बर्ड फ्लू के खतरे के चलते प्रशासन ने सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इसे अस्थायी रूप से बंद कर दिया था। इस बंदी के दौरान न केवल दर्शकों की एंट्री रुकी रही, बल्कि जानवरों की दिनचर्या पर भी असर पड़ा। लेकिन अब जब गोरखपुर चिड़ियाघर दोबारा खुल गया है, तो यहां के वन्य जीवों की चहलकदमी और मस्ती ने एक बार फिर से माहौल को जीवंत बना दिया है।
दर्शकों की वापसी से हुआ माहौल गुलजार
चिड़ियाघर के फिर से खुलने पर सबसे ज्यादा उत्साहित बच्चे और परिवार हैं। पहले ही दिन बड़ी संख्या में लोग Gorakhpur Zoo पहुंचे और वहां के जानवरों को देखने का आनंद लिया। बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक सभी के चेहरे पर खुशी साफ देखी जा सकती थी। जानवरों की हरकतें और प्रतिक्रियाएं यह दर्शा रही थीं कि वो भी दर्शकों की मौजूदगी को मिस कर रहे थे।
दरियाई घोड़ा बना आकर्षण का केंद्र
इस बार हिप्पोपोटेमस यानी दरियाई घोड़ा कुछ अलग ही मूड में नजर आ रहा है। जहां पहले वह ज्यादातर समय पानी में डूबकर शांत बैठा दिखाई देता था, वहीं अब वह खुले मैदान में टहलता हुआ दिखाई दे रहा है। उसका विशाल शरीर और धीमी चाल बच्चों को बेहद आकर्षित कर रही है। ऐसा लग रहा है मानो वह भी लंबी कैद के बाद खुली हवा में सांस ले रहा हो। उसका खुले में घूमना दर्शकों के लिए एक नया अनुभव बन गया है और बच्चों के लिए यह दृश्य किसी जादू से कम नहीं।
भालू की मस्ती ने बढ़ाई रंगत
गोरखपुर चिड़ियाघर के सबसे चुलबुले और मनमौजी प्राणी — भालू — की वापसी ने चिड़ियाघर को जैसे नई ऊर्जा से भर दिया है। वह कभी पेड़ों के नीचे भागता है, तो कभी किनारों पर दौड़ता है, तो कभी अपने पंजों से मिट्टी खोदता है। बच्चों के लिए भालू की यह मस्ती किसी लाइव शो से कम नहीं है। उसकी हर एक हरकत पर बच्चे ताली बजा रहे हैं, हंस रहे हैं और वीडियो बना रहे हैं। यह साफ झलकता है कि भालू को भी अब अपने पुराने अंदाज़ में लौटकर बेहद खुशी हो रही है।
गिद्धों की गरिमा
चिड़ियाघर में गिद्ध भी दर्शकों के आकर्षण का एक खास हिस्सा बन रहे हैं। पर्यावरणीय दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माने जाने वाले यह पक्षी अब धीरे-धीरे आम लोगों के बीच पहचान बना रहे हैं। Gorakhpur Zoo में गिद्धों को देखने आए लोगों ने उनके विशाल पंखों, पैनी नजरों और तेज़ उड़ान की सराहना की। बच्चों के लिए यह एक शैक्षणिक अनुभव भी बनता जा रहा है क्योंकि वह अब इन पक्षियों के बारे में सीखने और समझने लगे हैं।
कर्मचारियों ने दिखाई समर्पण भावना
चिड़ियाघर के दोबारा खुलने के पीछे वहां के कर्मचारियों और वन विभाग की कड़ी मेहनत और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता भी है। पूरे परिसर को सैनिटाइज किया गया, पिंजरों की सफाई की गई और हर जानवर की स्वास्थ्य जांच भी की गई। कर्मचारियों ने यह सुनिश्चित किया कि दर्शकों और जानवरों दोनों के लिए सुरक्षित वातावरण बना रहे।
Gorakhpur Zoo: क्यों है खास?
विशेषता | विवरण |
---|---|
स्थान | गोरखपुर, उत्तर प्रदेश |
प्रमुख आकर्षण | दरियाई घोड़ा, भालू, गिद्ध, हिरण, पक्षी |
हाल की गतिविधि | बर्ड फ्लू के बाद दोबारा खोलना |
दर्शकों की प्रतिक्रिया | अत्यंत सकारात्मक और उत्साहजनक |
प्रवेश शुल्क | न्यूनतम ₹30 से शुरू |
समय | सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक (सोमवार बंद) |
पर्यटकों के लिए एक शानदार अनुभव
Gorakhpur Zoo अब न केवल वन्य जीवों को देखने की जगह है, बल्कि यह एक परिवारिक पिकनिक का बेहतरीन स्थल भी बनता जा रहा है। हर आयु वर्ग के लोग यहां आकर प्रकृति के करीब जाने का अनुभव कर सकते हैं। बच्चों के लिए यह एक शैक्षणिक भ्रमण की तरह है, जहां वे जानवरों को सिर्फ किताबों में नहीं, बल्कि सामने से देख सकते हैं।
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निष्कर्ष
Gorakhpur Zoo की दोबारा वापसी न केवल स्थानीय नागरिकों के लिए खुशी की बात है, बल्कि यह प्रकृति प्रेमियों और वन्यजीव प्रेमियों के लिए भी एक शुभ संकेत है। इस चिड़ियाघर में घूमना अब पहले से कहीं ज्यादा रोमांचक हो गया है। अगर आप गोरखपुर आ रहे हैं, तो इस खूबसूरत और जीवंत चिड़ियाघर को जरूर अपनी लिस्ट में शामिल करें। यहां आकर न सिर्फ आपको वन्य जीवन का अनूठा अनुभव मिलेगा, बल्कि एक मानसिक ताजगी भी महसूस होगी।