बेंगलुरु के मशहूर Bannerghatta Park (बनरगट्टा बायोलॉजिकल पार्क) में एक बड़ा हादसा सामने आया। सफारी के दौरान एक तेंदुआ अचानक बस पर कूद गया और खिड़की के पास बैठे 12 वर्षीय लड़के के हाथ पर झपट्टा मारकर पंजा घोंप दिया। बच्चे के हाथ में चोट आई है और उसे तत्काल अस्पताल ले जाया गया।
हादसा कैसे हुआ?
जानकारी के मुताबिक, यह घटना उस समय हुई जब बेंगलुरु के बोम्मसंद्रा इलाके का रहने वाला यह लड़का अपने परिवार के साथ पार्क के सफारी टूर पर गया था। बच्चा एक नॉन-एसी सफारी बस की खिड़की के पास बैठा था। खिड़की जाली से ढकी हुई थी, लेकिन बताया जा रहा है कि उसने हाथ खिड़की के काफी करीब या थोड़ा बाहर निकाल लिया था।
इसी दौरान सड़क किनारे बैठे तेंदुए ने बस की ओर छलांग लगाई और जाली से हाथ बाहर निकले होने के कारण बच्चे पर हमला कर दिया। इस घटना का वीडियो दूसरी बस में बैठे पर्यटकों ने रिकॉर्ड किया। वीडियो में तेंदुआ पहले शांत दिखता है, फिर अचानक बस पर चढ़ने की कोशिश करता है और बच्चे के हाथ पर पंजा मार देता है। यह दृश्य देखकर अन्य पर्यटक सहम गए और बच्चों को चुप रहने की सलाह दी गई।
घायल बच्चे का इलाज
जैसे ही घटना हुई, ड्राइवर ने फौरन बस को पार्क कंट्रोल स्टेशन की ओर मोड़ा। वहां बच्चे को तुरंत प्राथमिक उपचार दिया गया और फिर जिगानी स्थित एक अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों ने पुष्टि की कि उसकी चोट मामूली है, लेकिन यह घटना गंभीर रूप ले सकती थी।
Bannerghatta Park के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर ए.वी. सूर्य सेन ने बताया – “नॉन-एसी सफारी बस के दौरान तेंदुए ने बच्चे के हाथ पर पंजा मारा। सभी बसों में जाली लगी होती है और ड्राइवरों को निर्देश दिया जाता है कि यात्रियों को सावधान करें। बच्चे का हाथ जाली के काफी पास था, जिससे यह हादसा हुआ।”
सुरक्षा को लेकर उठे सवाल
घटना के बाद पार्क प्रबंधन पर लापरवाही के आरोप लगे हैं। इस मामले में एक मेडिको-लीगल केस भी दर्ज किया गया है। सोशल मीडिया पर भी लोग सवाल उठा रहे हैं कि आखिर सुरक्षा इंतज़ामों के बावजूद इस तरह की घटनाएं क्यों हो रही हैं।
कुछ यूज़र्स ने अभिभावकों को जिम्मेदार ठहराया तो कुछ ने पार्क प्रशासन को कठघरे में खड़ा किया। एक यूज़र ने लिखा – “जंगली जानवरों के साथ खिलवाड़ मत करो।” वहीं दूसरे ने पूछा – “जब बच्चा हाथ बाहर निकाल रहा था, तब गाइड क्या कर रहा था?”
कड़े नियम लागू करने के निर्देश
कर्नाटक के वन, पर्यावरण और पारिस्थितिकी मंत्री ईश्वर खांद्रे ने इस घटना पर चिंता जताई और पार्क प्रशासन को और सख्त कदम उठाने का आदेश दिया। उन्होंने कहा कि बसों की खिड़कियों और फोटोग्राफी स्लॉट्स पर मजबूत जाली लगाई जाए और सफारी शुरू होने से पहले पर्यटकों को स्पष्ट चेतावनी दी जाए।
“सभी खिड़कियों और कैमरा स्लॉट्स को पूरी तरह से जाली से कवर किया जाना चाहिए। साथ ही टिकट पर भी चेतावनी लिखी जानी चाहिए ताकि लोग सतर्क रहें,” मंत्री ने कहा।
पहले भी हो चुकी है तेंदुए से नज़दीकी
यह पहली बार नहीं है जब Bannerghatta Park में तेंदुआ पर्यटकों के करीब आया हो। पिछले साल भी एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें तेंदुआ बस पर चढ़ने की कोशिश करता दिखा था। हालांकि उस समय कोई घायल नहीं हुआ क्योंकि ड्राइवर ने फौरन बस आगे बढ़ा दी थी।
क्यों बढ़ रही हैं ऐसी घटनाएं?
विशेषज्ञों के मुताबिक, कई बार पर्यटक नॉन-एसी बसों को चुनते हैं ताकि खुली हवा मिल सके। लेकिन खिड़कियां खुली रखने और जाली के करीब बैठने से खतरा बढ़ जाता है। खासकर बच्चे अक्सर खिड़कियों से बाहर झांकते हैं या हाथ निकाल देते हैं, जिससे हादसों की संभावना रहती है।
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Bannerghatta Park का महत्व
बेंगलुरु स्थित Bannerghatta Biological Park दक्षिण भारत का पहला और देश का सबसे बड़ा तेंदुआ सफारी पार्क है, जो लगभग 20 हेक्टेयर में फैला हुआ है। यह पार्क न केवल तेंदुओं बल्कि शेर, बाघ, भालू और अन्य वन्यजीवों का भी घर है। बड़ी संख्या में पर्यटक यहां सफारी का आनंद लेने आते हैं।
लेकिन लगातार हो रही घटनाओं ने अब सुरक्षा व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि सुरक्षा गाइडलाइंस का सख्ती से पालन कराया जाए और लोगों को पहले से जागरूक किया जाए, तो ऐसी घटनाओं को टाला जा सकता है।