बन्नेरघट्टा राष्ट्रीय उद्यान

बन्नेरघट्टा राष्ट्रीय उद्यान: कर्नाटक का प्राकृतिक खजाना

बन्नेरघट्टा राष्ट्रीय उद्यान भारत के कर्नाटक राज्य में स्थित एक बेहद लोकप्रिय और जैव विविधता से भरपूर वन्यजीव स्थल है। यह राष्ट्रीय उद्यान न केवल बेंगलुरु शहर के पास होने के कारण पर्यटकों के बीच प्रसिद्ध है, बल्कि यह शिक्षा, शोध और वन्यजीव संरक्षण के लिए भी एक महत्वपूर्ण केंद्र बन चुका है। आइए विस्तार से जानते हैं इस प्राकृतिक धरोहर के बारे में।

बन्नेरघट्टा राष्ट्रीय उद्यान का इतिहास और महत्व

1970 में स्थापित, बन्नेरघट्टा राष्ट्रीय उद्यान को 1974 में आधिकारिक रूप से राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा प्राप्त हुआ। इसका उद्देश्य कर्नाटक क्षेत्र के वन्यजीव और प्राकृतिक वनस्पति को संरक्षित करना था। यह उद्यान बेंगलुरु शहर से मात्र 22 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, जिससे यह शहरी जनता के लिए एक ताजगी भरा पलायन स्थल भी बन गया है।

यह पार्क दक्षिण भारतीय जंगलों की जैव विविधता का सुंदर उदाहरण है और यहाँ शेर, बाघ, हाथी, तेंदुआ, भालू जैसे बड़े स्तनधारी प्रजातियाँ पाई जाती हैं। इसके अलावा, यहाँ पक्षियों और तितलियों की अनेक दुर्लभ प्रजातियाँ भी निवास करती हैं।

बन्नेरघट्टा राष्ट्रीय उद्यान में क्या देखें और करें?

बन्नेरघट्टा राष्ट्रीय उद्यान में आने वाले पर्यटक कई तरह की गतिविधियों का आनंद ले सकते हैं:

  • सफारी राइड: यहाँ का सफारी ज़ोन खासा लोकप्रिय है जहाँ आप खुले जीप या बस में बैठकर बाघ, शेर और भालू को नजदीक से देख सकते हैं।
  • चिड़ियाघर: उद्यान में एक छोटा लेकिन समृद्ध चिड़ियाघर भी है जहाँ बच्चों और परिवारों के लिए शिक्षा और मनोरंजन का अच्छा साधन उपलब्ध है।
  • तितली पार्क: यह भारत का पहला तितली पार्क है, जहाँ रंग-बिरंगी तितलियाँ पर्यटकों को आकर्षित करती हैं।
  • ट्रेकिंग ट्रेल्स: साहसिक पर्यटकों के लिए यहाँ के पहाड़ी रास्ते और ट्रेकिंग ट्रेल्स आदर्श हैं।

मुख्य जानकारियाँ: बन्नेरघट्टा राष्ट्रीय उद्यान

विवरणजानकारी
स्थानबेंगलुरु, कर्नाटक, भारत
स्थापित1974
क्षेत्रफललगभग 260.51 वर्ग किलोमीटर
प्रमुख आकर्षणसफारी, तितली पार्क, चिड़ियाघर, ट्रेकिंग
खुलने का समयसुबह 9:30 बजे से शाम 5:00 बजे तक
बंद दिनहर मंगलवार
निकटतम शहरबेंगलुरु (22 किलोमीटर)

बन्नेरघट्टा राष्ट्रीय उद्यान का सर्वोत्तम समय

अगर आप इस उद्यान की यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो अक्टूबर से मार्च के बीच का समय सबसे उपयुक्त माना जाता है। इस दौरान मौसम सुहावना रहता है और वन्यजीवों की गतिविधियाँ भी अधिक देखी जा सकती हैं। मानसून में हरियाली अपने चरम पर होती है, परन्तु सफारी सेवाएँ कभी-कभी बंद रह सकती हैं।

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कैसे पहुँचे बन्नेरघट्टा राष्ट्रीय उद्यान?

  • सड़क मार्ग: बेंगलुरु से सीधी सड़क सुविधाएँ उपलब्ध हैं, और टैक्सी या बस के माध्यम से आसानी से पहुँचा जा सकता है।
  • रेल मार्ग: निकटतम रेलवे स्टेशन बेंगलुरु सिटी जंक्शन है।
  • वायु मार्ग: केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा सबसे निकटतम एयरपोर्ट है।

संरक्षण में इसकी भूमिका

बन्नेरघट्टा राष्ट्रीय उद्यान सिर्फ पर्यटन केंद्र नहीं है, बल्कि यह दक्षिण भारत के वन्यजीव संरक्षण में अहम भूमिका निभाता है। यहाँ का रेस्क्यू सेंटर घायल और अवैध शिकार से बचाए गए जानवरों का पुनर्वास करता है। साथ ही, यह उद्यान शहरी लोगों में प्रकृति और संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने का कार्य भी करता है।

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निष्कर्ष

अगर आप प्राकृतिक सौंदर्य, वन्यजीव सफारी और शांति के कुछ पल बिताने की तलाश में हैं, तो बन्नेरघट्टा राष्ट्रीय उद्यान आपके लिए एक आदर्श गंतव्य है। यहाँ की जैव विविधता, अनूठे अनुभव और शिक्षा से भरपूर वातावरण हर प्रकृति प्रेमी और परिवार के लिए यादगार साबित होता है। अगली बार जब आप बेंगलुरु जाएँ, तो इस प्राकृतिक खजाने को अपनी यात्रा सूची में अवश्य शामिल करें।

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