Bankhandi Zoo, हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के देहरा क्षेत्र में विकसित किया जा रहा है, जो देश का पहला ऐसा प्राणी उद्यान होगा जिसे Indian Green Building Council (IGBC) से आधिकारिक प्रमाणन प्राप्त होगा। पर्यावरण-संवेदनशील निर्माण, आधुनिक सुविधाएं और सांस्कृतिक प्रस्तुति के साथ यह चिड़ियाघर देश में एक नई मिसाल कायम करेगा।
Bankhandi Zoo: मुख्य विशेषताएं एक नजर में
विशेषता | विवरण |
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स्थान | बनखंडी, देहरा, जिला कांगड़ा (हिमाचल प्रदेश) |
परियोजना नाम | दुर्गेश अरण्य प्राणी उद्यान |
प्रमुख प्रमाणन | IGBC ग्रीन बिल्डिंग और लैंडस्केप श्रेणी |
कुल क्षेत्रफल | 180 हेक्टेयर |
प्रथम चरण का क्षेत्र | 25 हेक्टेयर |
प्रथम चरण की लागत | ₹230 करोड़ |
कुल लागत | ₹619 करोड़ (तीन चरणों में) |
प्रमुख प्रजातियाँ | एशियाई शेर, घड़ियाल, मगरमच्छ, मॉनिटर लिज़र्ड, पक्षी, हॉग डियर |
थीम ज़ोन | काम्यक वन, द्वैत वन, चित्रकूट, दंडक वन |
प्रमुख आकर्षण | नॉक्टर्नल हाउस, वेटलैंड एवियरी, इको-विलेज |
Bankhandi Zoo को खास बनाती हैं ये बातें
पर्यावरण के अनुकूल डिज़ाइन
यह चिड़ियाघर पूर्ण रूप से इको-फ्रेंडली तकनीकों से तैयार किया जा रहा है। IGBC सर्टिफिकेशन दर्शाता है कि इस परियोजना में जल संरक्षण, ऊर्जा दक्षता, हरित निर्माण और बायोडायवर्सिटी के सभी मानकों को अपनाया जा रहा है।
73 से अधिक प्रजातियाँ एक ही स्थान पर
Bankhandi Zoo में आने वाले दर्शक एशियाई शेरों, मगरमच्छों, घड़ियालों, मॉनिटर लिज़र्ड और कई अन्य वन्य प्रजातियों को प्राकृतिक वातावरण में देख सकेंगे। यहाँ कुल 73 प्रजातियाँ प्रदर्शित की जाएंगी।
विशेष थीम ज़ोन
इस प्राणी उद्यान को चार थीम वाले ज़ोन में बाँटा जाएगा:
- काम्यक वन: झाड़ियों से युक्त क्षेत्र
- द्वैत वन: घने जंगलों की अनुभूति
- चित्रकूट: शाकाहारी जीवों के लिए
- दंडक वन: मांसाहारी प्रजातियों का निवास
रात्रिचर और पक्षियों के लिए खास इंतज़ाम
यहाँ एक नॉक्टर्नल हाउस होगा जहाँ रात में सक्रिय जानवरों को विशेष रूप से प्रदर्शित किया जाएगा। इसके अलावा वेटलैंड एवियरी भी बनाई जा रही है जहाँ देशी पक्षियों को प्राकृतिक जलवायु में रखा जाएगा।
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हिमाचली संस्कृति की झलक
Bankhandi Zoo में एक इको-विलेज का भी निर्माण होगा जो हिमाचल की पारंपरिक जीवनशैली, शिल्प और सांस्कृतिक विरासत को दर्शाएगा।
पर्यावरण संरक्षण के साथ रोजगार के अवसर
यह परियोजना न केवल पर्यटन को बढ़ावा देगी, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए स्थायी रोजगार और व्यापार के अवसर भी उत्पन्न करेगी। जल संरक्षण, सोलर एनर्जी, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट जैसे तत्वों के कारण यह एक सस्टेनेबल टूरिज्म मॉडल बन रहा है।
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निष्कर्ष
Bankhandi Zoo सिर्फ एक चिड़ियाघर नहीं बल्कि पर्यावरणीय स्थिरता, सांस्कृतिक संरक्षण और आधुनिकता का संगम है। इसका निर्माण पूरा होने के बाद यह हिमाचल प्रदेश का प्रमुख पर्यटन स्थल बन सकता है और देशभर के पर्यावरण प्रेमियों के लिए एक प्रेरणास्रोत भी।