हाई अलर्ट पर बांधवगढ़: बाघिन की जानलेवा हरकतों से फैली दहशत

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में हाल ही में एक बाघिन को रेस्क्यू कर विशेष एनक्लोजर में शिफ्ट किया गया है। यह कदम उसकी आक्रामक प्रवृत्ति को देखते हुए उठाया गया, क्योंकि कुछ समय पहले इस बाघिन ने लगातार दो इंसानों पर हमला कर दिया था। एक घटना में 12 वर्षीय बालक की जान चली गई, जबकि दूसरी में एक महिला घायल हुई थी। इस डरावनी घटना के बाद क्षेत्र में दहशत फैल गई थी।

गांवों में दहशत के बाद उठाया गया कड़ा कदम

लगातार हो रहे हमलों से स्थानीय लोग सहमे हुए थे। वन विभाग ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए कार्रवाई करते हुए बाघिन को धमोखर बफर रेंज के पिपरिया बीट से घंटों की मेहनत के बाद पकड़ा और सुरक्षित रूप से विशेष बाड़े में पहुंचाया।

बाघिन की निगरानी और व्यवहार का विश्लेषण

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक अनुपम सहाय ने बताया कि बाघिन की हर गतिविधि पर बारीकी से नजर रखी जा रही है। उसे मगधी स्थित एक विशेष एंक्लोजर में रखा गया है, जो 4 से 6 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला है और पूरी तरह जंगल जैसे माहौल से युक्त है। यहां बाघिन को प्राकृतिक ढंग से शिकार करने का भी अवसर दिया गया है।

शिकार की क्षमता जांचने के लिए छोड़े जाते हैं चीतल

इस एनक्लोजर में चीतल जैसे शिकार भी छोड़े जाते हैं, ताकि यह परखा जा सके कि बाघिन अब भी जंगली परिस्थितियों में खुद शिकार करने में सक्षम है या नहीं। हाल ही में बाघिन ने यहां पहुंचने के कुछ ही समय बाद अपना पहला शिकार कर लिया, जिससे यह संकेत मिला कि वह शारीरिक और मानसिक रूप से पूरी तरह स्वस्थ है।

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बांधवगढ़ મેં टीम कर रही है 24×7 निगरानी

बांधवगढ़

उपसंचालक पीके वर्मा ने बताया कि बाघिन पर निगरानी के लिए 11 लोगों की टीम गठित की गई है, जिसमें डिप्टी रैंक के अधिकारी, बीट गार्ड और श्रमिक शामिल हैं। सभी शिफ्ट में काम करते हुए बाघिन की गतिविधियों पर नज़र बनाए हुए हैं। इसके अलावा सुरक्षा के लिहाज से बाड़े के चारों ओर सोलर फेंसिंग भी की गई है।

बाघिन की उम्र और भविष्य की योजना

यह बाघिन लगभग 3 साल की है और पहले धमोखर बफर रेंज में रहती थी। अगर एंक्लोजर में उसका व्यवहार संतुलित और स्वाभाविक पाया जाता है, तो भविष्य में उसे फिर से जंगल में छोड़ने की योजना है। फिलहाल उसका शिकार का पैटर्न, सोने और बैठने की जगह, भोजन की आदतें, और पानी के प्रति उसकी रुचि आदि सभी चीजों का बारीकी से अध्ययन किया जा रहा है।

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Conclusion

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व की तीन वर्षीय बाघिन को दो इंसानों पर हमले के बाद रेस्क्यू कर विशेष एनक्लोजर में शिफ्ट किया गया है। वहां उसकी हर गतिविधि पर निगरानी रखी जा रही है, ताकि उसके व्यवहार और शिकार क्षमता का मूल्यांकन किया जा सके। यदि वह पूरी तरह से सामान्य पाई जाती है, तो भविष्य में उसे दोबारा जंगल में छोड़ा जाएगा।

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