Bannerghatta Biological Park बेंगलुरु अब अपने दर्शकों के लिए और भी खास बनने जा रहा है। आने वाले महीनों में यहां 10 नई विदेशी प्रजातियों को शामिल किया जाएगा, जिनमें चीता, चिंपैंजी, प्यूमा, जगुआर और कैपुचिन बंदर जैसी दुर्लभ प्रजातियां होंगी। यह पहल एक अंतरराष्ट्रीय मल्टी-एक्सचेंज प्रोग्राम का हिस्सा है, जिसके तहत अलग-अलग देशों के चिड़ियाघर एक-दूसरे को जानवर देते और लेते हैं।
Bannerghatta Biological Park का नया अध्याय
मई महीने में रिकॉर्ड संख्या में पर्यटक आने के बाद, Bannerghatta Biological Park (BBP) ने बड़ा कदम उठाया है। कर्नाटक के वन, पारिस्थितिकी और पर्यावरण मंत्री ईश्वर बी. खांद्रे ने बुधवार को पार्क में नई इलेक्ट्रिक बस सेवा की शुरुआत करते हुए इस योजना की घोषणा की।
उन्होंने कहा कि अगले साल तक 10 विदेशी जानवर पार्क का हिस्सा बन जाएंगे। इनमें सिंगापुर से आने वाले चिंपैंजी, अफ्रीका से चीते, मैक्सिको या ब्राज़ील से जगुआर और अन्य जानवर शामिल होंगे।
नई प्रजातियां क्यों खास हैं?
इन प्रजातियों को लाने का मकसद सिर्फ पर्यटकों की संख्या बढ़ाना नहीं है, बल्कि संरक्षण, शोध और शिक्षा को मजबूत बनाना भी है। चिड़ियाघर जैव विविधता बनाए रखने में अहम भूमिका निभाते हैं और Bannerghatta Biological Park अंतरराष्ट्रीय साझेदारों के साथ मिलकर ऐसी प्रजातियां ला रहा है जो भारत की जलवायु में आसानी से ढल सकें और दर्शकों को नई जानकारी प्रदान करें।
हाथियों के बदले विदेशी जानवर
यह पहल मल्टी-एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत हो रही है। इस समझौते के तहत बैनरघट्टा अपने चार हाथी जापान भेज रहा है, जिसके बदले में उसे 10 नई विदेशी प्रजातियां मिलेंगी।
अधिकारियों का कहना है कि कुछ प्रजातियों और उनके स्रोत देशों को लेकर बातचीत अभी जारी है। लेकिन यह तय है कि चिंपैंजी, चीते, जगुआर, प्यूमा और कैपुचिन बंदर आने वाले महीनों में पार्क का हिस्सा बनेंगे।
टिकाऊ विकास पर जोर
मंत्री खांद्रे ने पार्क की टिकाऊ पहल पर भी रोशनी डाली। 20-सीटर, 100 kV इलेक्ट्रिक बस की शुरुआत इसी दिशा में बड़ा कदम है। अभी पार्क में रोजाना आठ सफारी ट्रिप के लिए डीज़ल बसों का इस्तेमाल होता है। लेकिन 2027 तक लक्ष्य है कि Bannerghatta Biological Park में सभी यात्री वाहन पूरी तरह इलेक्ट्रिक हो जाएं।
आने वाला समय: एक्वेरियम और नई सुविधाएं
विदेशी जानवरों के अलावा सरकार यहां एक एक्वेरियम शुरू करने की योजना भी बना रही है। इसमें विभिन्न प्रकार की जलीय प्रजातियां प्रदर्शित की जाएंगी, जो पर्यटकों के लिए एक और आकर्षण होंगी।
मंत्री ने भरोसा दिलाया कि पानी की कोई कमी नहीं होगी। पार्क में पहले से सात झीलें मौजूद हैं और बेंगलुरु वॉटर सप्लाई एंड सीवरेज बोर्ड से भी पानी की सप्लाई हो रही है। एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट जल्द ही तैयार की जाएगी ताकि बढ़ती ज़रूरतों को पूरा किया जा सके।
पर्यटकों का पसंदीदा ठिकाना
बेंगलुरु के बाहरी इलाके में स्थित Bannerghatta Biological Park भारत के सबसे लोकप्रिय वाइल्डलाइफ डेस्टिनेशन में से एक है। यहां की सफारी, बटरफ्लाई पार्क और रेस्क्यू सेंटर इसे खास बनाते हैं।
हाल ही में पर्यटकों की संख्या में रिकॉर्ड बढ़ोतरी ने अधिकारियों को प्रेरित किया है कि वे नई प्रजातियां और सुविधाएं जोड़ें। चीते और अन्य विदेशी प्रजातियों के आने से यह पार्क स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय दोनों पर्यटकों के लिए और भी खास आकर्षण बन जाएगा।
पर्यटक क्या देख पाएंगे?
चीते के आने से अब BBP भी उन भारतीय पार्कों में शामिल हो जाएगा जहां दुनिया का सबसे तेज़ जानवर मौजूद है। इसके अलावा, जगुआर जैसी दुर्लभ प्रजाति भी यहां दिखाई देगी। चिंपैंजी और कैपुचिन बंदर बच्चों और शोधकर्ताओं के लिए खास आकर्षण होंगे।
नई प्रजातियों के साथ-साथ इलेक्ट्रिक बस सफारी का अनुभव और भी आरामदायक, शांत और पर्यावरण के अनुकूल होगा।
मुख्य घोषणाओं की झलक
विकास | विवरण |
---|---|
नई प्रजातियां | चीता, चिंपैंजी, प्यूमा, जगुआर, कैपुचिन बंदर आदि |
स्रोत देश | सिंगापुर, अफ्रीका, मैक्सिको, ब्राज़ील (अंतिम सूची लंबित) |
एक्सचेंज प्रोग्राम | 4 हाथी जापान भेजे जाएंगे, बदले में 10 विदेशी जानवर |
नई सुविधाएं | Bannerghatta Biological Park में एक्वेरियम |
ईको-फ्रेंडली पहल | 20-सीटर 100 kV इलेक्ट्रिक बस; 2027 तक सभी वाहन इलेक्ट्रिक |
जल आपूर्ति | 7 झीलें + BWSSB सपोर्ट |
वैश्विक सहयोग की दिशा में कदम
यह कदम भारत की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ती भूमिका को दर्शाता है। ऐसे कार्यक्रमों से न सिर्फ चिड़ियाघरों को फायदा होता है, बल्कि देशों के बीच संबंध भी मजबूत होते हैं। जानवरों को बेहतर देखभाल और प्रजनन के अवसर मिलते हैं।
बैनरघट्टा के लिए यह एक मौका है अपनी देखभाल और प्रबंधन की अंतरराष्ट्रीय गुणवत्ता दिखाने का। विदेशी प्रजातियों की मौजूदगी इसे दक्षिण भारत का एक बड़ा वाइल्डलाइफ शिक्षा और शोध केंद्र बनाएगी।
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निष्कर्ष
चीते और अन्य विदेशी जानवरों के आने की तैयारी ने पहले से ही वाइल्डलाइफ प्रेमियों में उत्साह पैदा कर दिया है। यह कदम कर्नाटक में ईको-टूरिज्म को नई ऊंचाई देगा और पर्यटकों को अविस्मरणीय अनुभव प्रदान करेगा।
Bannerghatta Biological Park धीरे-धीरे एक अंतरराष्ट्रीय वाइल्डलाइफ डेस्टिनेशन के रूप में बदल रहा है। सतत परिवहन, नई सुविधाएं और वैश्विक सहयोग इसे सिर्फ एक पार्क नहीं, बल्कि आधुनिक चिड़ियाघरों की मिसाल बना रहे हैं।