Indian Gray Wolf

Indian Gray Wolf Conservation: सक्करबाग ज़ू बना नई उम्मीद की किरण

Indian Gray Wolf के संरक्षण के क्षेत्र में गुजरात के जूनागढ़ स्थित सक्करबाग चिड़ियाघर ने एक अद्भुत मिसाल कायम की है। यह ऐतिहासिक चिड़ियाघर अब इस लुप्तप्राय प्रजाति के संरक्षण और प्रजनन का प्रमुख केंद्र बन गया है। वैज्ञानिक तकनीकों, अत्याधुनिक सुविधाओं और सुनियोजित प्रयासों के साथ, सक्करबाग ज़ू ने बीते सात वर्षों में 173 Indian Gray Wolf के शावकों को जन्म देकर वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया है।

Indian Gray Wolf

Indian Gray Wolf क्यों है लुप्तप्राय?

Indian Gray Wolf, जिसे वैज्ञानिक रूप से Canis lupus pallipes कहा जाता है, एक दुर्लभ मांसाहारी प्रजाति है जो भारत में मुख्य रूप से राजस्थान, गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में पाई जाती है। शहरीकरण, कृषि विस्तार और मानवीय दखलंदाज़ी के कारण इसका प्राकृतिक आवास तेजी से नष्ट हो रहा है, जिसके चलते इसकी आबादी चिंताजनक स्तर तक घट गई है। इसी वजह से इसे वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की अनुसूची-1 में संरक्षित घोषित किया गया है।

Indian Gray Wolf

सक्करबाग ज़ू की भूमिका: एक संरक्षण मॉडल

जूनागढ़ के सक्करबाग चिड़ियाघर ने Indian Gray Wolf के संरक्षण को नई दिशा दी है। आधुनिक वैज्ञानिक तरीकों, उत्तम पोषण, स्वच्छ आवास और सुव्यवस्थित प्रजनन प्रबंधन की मदद से यहां संरक्षण प्रजनन कार्यक्रम को पूरी सफलता मिली है। इस विशेष पहल की बदौलत भारत सरकार के केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण ने सक्करबाग ज़ू को Indian Gray Wolf के संरक्षण का राष्ट्रीय नेतृत्व सौंपा है।

7 वर्षों में जन्में शावकों का विवरण:

वर्षशावकों की संख्या
2019-2014
2020-217
2021-2231
2022-2333
2023-2440
2024-2548
कुल173

संरक्षण में अपनाए गए प्रमुख कदम

  • पोषण और स्वास्थ्य देखभाल: Indian Gray Wolf को उच्च गुणवत्ता वाला भोजन, स्वच्छ पानी और ज़रूरत अनुसार सप्लीमेंट्स दिए जाते हैं।
  • नियमित जांच और टीकाकरण: हर भेड़िये की नियमित मेडिकल जांच, टीकाकरण और कृमि-नियंत्रण की प्रक्रिया होती है।
  • प्रजनन प्रबंधन: आनुवंशिक विविधता को ध्यान में रखते हुए जोड़े बनाए जाते हैं। गर्भवती मादाओं की हार्मोन जांच, पोषण और सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित किया जाता है।
  • प्राकृतिक व्यवहार को बढ़ावा: पर्यावरण में बदलाव, गंध आधारित गतिविधियां और प्रजनन गोपनीयता जैसी विशेषताएं सुनिश्चित की जाती हैं।

अन्य राज्यों के लिए प्रेरणा बना गुजरात

Indian Gray Wolf के संरक्षण और प्रजनन में गुजरात का यह प्रयास देश के अन्य राज्यों के लिए एक आदर्श मॉडल बन गया है। सक्करबाग ज़ू की सफलता यह साबित करती है कि यदि वैज्ञानिक सोच और प्रशासनिक समर्पण साथ हों, तो लुप्तप्राय प्रजातियों को फिर से जीवन देना संभव है।

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निष्कर्ष:
Indian Gray Wolf के संरक्षण की इस प्रेरणादायक कहानी में सक्करबाग चिड़ियाघर ने न केवल अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया है, बल्कि पूरे भारत के लिए एक नई राह भी दिखाई है। यह पहल भारतीय जैव विविधता के भविष्य को सुरक्षित रखने की दिशा में एक सशक्त कदम है।

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